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बुधवार, 19 अक्तूबर 2022

सहकारिता आंदोलन को खत्म कर रही है भूपेश सरकार __द्विवेदीकार्यकाल पूर्ण होने के पहले भंग कर दी गई सहकारी समितियां , द्विवेदी ने की बहाली की मांग


भारतीय जनता पार्टी सहकारिता प्रकोष्ठ के प्रदेश संयोजक शशिकांत द्विवेदी ने सहकारिता प्रकोष्ठ दुर्ग जिले की बैठक को संबोधित करते हुए बताया कि कांग्रेस सरकार सहकारिता को नेस्तनाबूत करने पर तुली हुई है। सहकारी समितियों के कार्यकाल समाप्त होने के बावजूद भी निर्वाचन नहीं कराया जाना लोकतंत्र पर कुठाराघात है। श्री द्विवेदी ने संबोधित करते हुए बताया कि जब से कांग्रेस सरकार अस्तित्व में आई है लगातार सहकारिता को समाप्त करने का षड्यंत्र रच रही है। प्रथमत: 2019 में पुनर्गठन के नाम पर असंवैधानिक तरीके से पूरे 1333 सोसायटीओं के निर्वाचित बोर्ड को भंग कर दिया गया था। कोर्ट के हस्तक्षेप के बाद सभी सोसाइटियों का बोर्ड पुनः बहाल हुआ । इस प्रकार लगभग 4 माह तक अवैधानिक रूप से सोसाइटी के बोर्ड को भंग कर प्राधिकृत अधिकारी की नियुक्ति कर दी गई थी जो नियम विरुद्ध गलत निर्णय है। भाजपा मांग करती है कि सोसाइटी के बोर्ड की पुनः बहाली किया जाए । 2020 में 725 नई सोसाइटीयां बनाई गई ।जिसका 2 वर्ष कार्यकाल बीतने के बाद भी आज तक निर्वाचन नहीं किया जाना नियमों का अतिक्रमण है । इस प्रकार कांग्रेश सरकार हमेशा से सहकारिता आंदोलन को को कुचलने का प्रयास कर रही है।जबकि भाजपा शासनकाल में सहकारिता को मजबूती दिलाने के लिए केसीसी ऋण धारकों को बिना ब्याज पर कर्ज दिए जाने की शुरुआत की गई थी एवं गरीबों को एक रुपए प्रति किलो की दर से चावल दिए जाने की भी शुरुआत भाजपा शासनकाल में की गई थी। इससे न केवल सदस्यों का सहकारिता पर विश्वास बढ़ा था बल्कि सहकारिता भी मजबूत हुई थी। साथ ही निरंतर समयावधि में निर्वाचन आयोग द्वारा चुनाव भी कराए जाते रहे हैं। किंतु बिना किसी परिस्थिति जन्य कारणों के भी कांग्रेस सरकार द्वारा समयावधि में सोसायटीयों का निर्वाचन नहीं करा कर लोकतांत्रिक मूल्यों का हनन कर रही है। श्री द्विवेदी ने बताया कि सहकारिता विभाग तथा सहकारी बैंकों के कर्मचारियों को प्रथमतः प्राधिकृत अधिकारी पदस्थ किया गया। अब जबकि धान खरीदी सन्निकट आने पर एक बार पुनः छत्तीसगढ़ सहकारी सोसायटी अधिनियम और नियमों में संशोधन कर कांग्रेस के सदस्यों (अशासकीय व्यक्तियों) को उपकृत करने के लिए बतौर प्राधिकृत अधिकारी मनोनीत कर दिया गया है। माना जा रहा है कि सभी 2058 सोसाइटीयों में कांग्रेस के नुमाइंदों को मनोनीत किए जाने की तैयारी चल रही है। इससे न केवल भ्रष्टाचार को बढ़ावा मिलेगा बल्कि कांग्रेस सरकार लोकतंत्र का गला घोंटना चाहती है। आखिर कांग्रेस सरकार सहकारिता का चुनाव कराने में इतनी डरी सहमी क्यों है। श्री द्विवेदी ने 725 सहकारी समितियों का तत्काल चुनाव कराए जाने की मांग की है। श्री द्विवेदी ने कहा कि भाजपा के दबाव में आकर और विधानसभा चुनाव सन्निकट देखते हुए भूपेश सरकार ने 01 नवंबर से धान खरीदी किए जाने की घोषणा की है। इस पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए प्रदेश संयोजक श्री द्विवेदी ने बताया कि धान खरीदी सेंटरों में किसानों के साथ अन्याय ना हो तथा सतत निगरानी रखने के लिए भाजपा* *सहकारिता प्रकोष्ठ द्वारा निगरानी समिति का गठन किया जायेगा।*
*श्री द्विवेदी ने वनांचल क्षेत्र में वनवासियों ,आदिवासियों के शोषण का जिक्र करते हुए बताया कि छत्तीसगढ़ राज्य लघु वनोपज सहकारी संघ द्वारा तेंदूपत्ता की तुड़ाई प्रतिवर्ष की जाती है। जिसके तहत तेंदूपत्ता संग्राहक परिवार के पढ़ने वाले मेघावी छात्रों को छात्रवृत्ति दिए जाने का प्रावधान रहा है।किंतु तेंदूपत्ता संग्राहक परिवारों के पढ़ने वाले सात हजार से ज्यादा मेधावी छात्रों को शैक्षणिक सत्र 2020 - 21 एवम् 2021 _22में छात्रवृत्ति नहीं दी गई । साथ ही सामाजिक सुरक्षा बीमा योजना का लाभ एवं 2020 से तेंदूपत्ता संग्राहक परिवारों को बोनस की राशि भी नहीं दी जा रही है l

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