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शुक्रवार, 23 सितंबर 2022

विलुप्ति के कगार पर भेड़िया दिखा उदयपुर वन परिक्षेत्र में

 

भारतीय वृक (Indian wolf) या भारतीय भेड़िया जिसका वैज्ञानिक नाम  कैनीस लुपस पैलीपेस (Canis lupus pallipes) है, वृक (भेड़िए) की एक जीववैज्ञानिक उपप्रजाति   है जो भारतीय उपमहाद्वीप  और पश्चिमी एशिया  में पाई जाती है।
दिनांक  21/09/2022 को उदयपुर वन परिक्षेत्र  में भेडियो का जोड़ा सड़क पार करते देखा गया है । जिसकी तस्वीर वाइल्ड लाइफ फोटोग्राफर प्रतीक ठाकुर ने अपने कैमरे में कैद कर ली। सुरगुजा का यह मैदानी  इलाका  आदि काल  से ही भेडियो का प्राकृतिक वास रहा है।  यह इलाका जैव विविधता से सम्पन्न है , जहा कई प्रकार के जानवर  जैसे हाथी , चीतल हिरण , जंगली सुवर ,सुनहरा सियार , उड़ने वाली गिलहरी, लोमड़ी व  कई दुर्लभ  पक्षी जैसे वेलवेट फ्रॉंटेड नटहेच  , वाइट थ्रोटेड फनटैल , ग्रेटर गोल्डनबैक, करन मिट्ठू  अन्य पाए जाते है ।  यह वही वन परिक्षेत्र है जहा भारत के आखिरी चीतों को भी देखा गया था।   
भारतीय भेड़िया जो विलुप्त होने के कगार पर हैं इन्हें  बाघ के बराबर  संरक्षण प्राप्त है।  किन्तु भारत देश में केवल एक ही भेड़िया अभ्यारण है।  हमारे देश में आज ३१०० से कम भेड़िये बचे है और इस दृष्टिकोण से सुरगुजा संभाग भेडियो के लिए  काफी महत्वपूर्ण प्राकृतिक वास है।  आशा करते  है कि  प्रशासन एवं शासन जल्द ही छत्तीसगढ़ के आखिरी भेडियो के संरक्षण के लिए कदम आगे बढ़ाएंगे।

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