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रविवार, 27 नवंबर 2022

सहकारी बैंक द्वारा सोसाइटियों से की गई ब्याज की वसूली ज्यादा।सोसाइटियों की आर्थिक स्थिति हो रही कमजोर___द्विवेदी

जिला सहकारी केंद्रीय बैंक द्वारा प्राथमिक कृषि साख सहकारी समितियों को प्रदाय किया जाने वाला अल्पकालीन कृषि ऋण हेतु प्राइम लेंडिंग रेट(पी एल आर) ब्याज निर्धारण का एक मापदंड है। प्राईम लेंडिंग रेट बैंकों द्वारा उपयोग की जाने वाली ब्याज दर है।इससे अधिक दर से ब्याज की वसूली नियमानुसार बैंक द्वारा सोसायटीयों से नहीं की जानी चाहिए । प्राप्त जानकारी अनुसार राजनादगांव जिला सहकारी केंद्रीय बैंक में ऐसा हुआ है जो सरासर ग़लत है। उक्त राशि की वापसी तत्काल सोसाइटियों को की जानी चाहिए ।उक्त बयान भारतीय जनता पार्टी सहकारिता प्रकोष्ठ के प्रदेश संयोजक शशिकांत द्विवेदी ने एक प्रेस विज्ञप्ति जारी कर दिया है। श्री द्विवेदी ने कहा कि विगत कई वर्षों से जिला सहकारी केंद्रीय बैंक राजनांदगांव द्वारा अपने अधीनस्थ लैंप्स / पैक्स को अल्पकालीन कृषि ऋण प्राइम लेंडिंग रेट पर स्वीकृत ब्याज दर पर दिया जाता रहा है किंतु उसकी वसूली बैंक द्वारा ज्यादा दर पर की जा रही है जो नियम विरुद्ध है। प्राप्त जानकारी अनुसार 2021-22 हेतु जिला सहकारी केंद्रीय बैंक मर्या. राजनांदगांव का पी एल आर 7. 61 % था जिस दर पर अपने अधीनस्थ लैंप्स/पैक्स को ऋण दिया जाना था परंतु बैंक द्वारा अपने अधीनस्थ सोसाइटियों से 7.61% के स्थान पर 10% की दर से ब्याज वसूल किया गया है जो कि निर्धारित दर से 2.39% अधिक है जो नियम विरुद्ध है। क्योंकि प्राथमिक कृषि साख सहकारी समितियों को बैंक के पीएलआर एवं पंजीयक द्वारा निर्धारित 3% समिति का मार्जिन जोड़कर जो भी दर निर्धारित होता है उसी दर से शासन से ब्याज अनुदान के रूप में प्राप्त होता है। चूंकि वर्ष 2021-22 में जिला सहकारी केंद्रीय बैंक मर्यादित राजनांदगांव का पी एल आर 7.61% था तथा सोसाइटी का मार्जिन 3% मिलाकर 10.61%होना चाहिए था । किंतु बैंक द्वारा ब्याज 10% वसूलने के कारण सोसाइटी को वास्तव में मात्र 0.6 1% की दर से ही ब्याज अनुदान प्राप्त हुआ है। जिससे सोसाइटीयों को लाखों रुपए का नुकसान हुआ है। इस प्रकार सोसाइटीयों को ब्याज अनुदान की राशि लगातार कम मिलने के कारण उनकी आर्थिक स्थिति कमजोर होती जा रही है । जिसके कारण कर्मचारियों को महीनों से वेतन नहीं मिल पा रहा है। श्री द्विवेदी ने सोसाइटीयों से अधिक वसूली की गई राशि को तत्काल वापस किए जाने एवम इस त्रुटि के लिए ज़िम्मेदार अधिकारियों पर कार्रवाई किए जाने की मांग की है । जिससे इसकी पुनः पुनरावृति नहीं हो सके।

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