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शुक्रवार, 18 नवंबर 2022

बिना मांग के सड़े धान भूषा और तालपत्री की सप्लाई की जा रही है सोसाइटियों मेंधान खरीदी केंद्रों में भारी अनियमितता __द्विवेदी


भारतीय जनता पार्टी सहकारिता प्रकोष्ठ के प्रदेश संयोजक शशि कांत द्विवेदी ने विभिन्न धान खरीदी केंद्रों का औचक निरीक्षण करने पर भारी खामियों को उजागर किया है ।श्री द्विवेदी ने बताया कि किसानों के धान को अधिक नमी के नाम पर ज्यादा वजन में तौला जा रहा है ।साथ ही सभी खरीदी केंद्रों में राइस मिलरों द्वारा कटे-फटे सड़े गले बारदानों की आपूर्ति की जा रही है। किन्तु उपार्जन केंद्रों के कंप्यूटर सॉफ्टवेयर में राइस मिलरों द्वारा आपूर्ति किए गए बारदानों के गुणवत्ता की जांच कर मानक /अमानक का प्रावधान नहीं होने के कारण राइस मिलरों द्वारा अधिसंख्य अमानक स्तर के बारदानों की आपूर्ति धान खरीदी केंद्रों में बेरोकटोक की जा रही है । जिससे सोसाइटियों को भारी क्षति होने की संभावना परिलक्षित हो रही है। इसकी समय रहते जांच कर रोक लगाए जाने की जरूरत है वरना उपार्जन केंद्रों में सड़े गले बारदानों का अंबार लग जाएगा और सोसाइटीयों को घाटे से कोई नहीं बचा पायेगा। अतः हम मांग करते हैं कि सोसाइटीयों के कंप्यूटर सॉफ्टवेयर में बारदानों के मानक/ अमानक का प्रावधान सुनिश्चित किया जावे।
  राजनांदगांव जिले के छुरिया विकासखंड के धान खरीदी केंद्रों महाराजपुर, झीतराटोला, लालू टोला, साल्हेटोला ,गैंदा टोला आदि उपार्जन केंद्रों का औचक निरीक्षण करने पर भारी अनियमितता प्रकाश में आई है। प्रदेश संयोजक श्री द्विवेदी ने बताया कि छत्तीसगढ़ में आधी अधूरी तैयारी के बीच न्यूनतम समर्थन मूल्य पर धान खरीदी एक नवंबर से तो प्रारंभ कर दी गई लेकिन प्रदेश के हजारों किसानों का रकबा या तो शून्य बता दिया गया या गिरदावली के नाम पर कम कर दिया गया है। किसी गांव में धान खरीदी केंद्र ही बदल दिए गए हैं ।इस प्रकार तमाम खामियां पाई गई है जिससे किसानों में भारी आक्रोश है ।खरीदी केंद्रों में मार्कफेड द्वारा आपूर्ति किए गए नए जूट बारदानों की भी गुणवत्ता ठीक नहीं है। कई केंद्रों में परीक्षण करने पर नए जूट बारदानों का औसत वजन भी 480ग्राम से 500 ग्राम ही पाया गया। जबकि नए जूट बारदानों का औसत वजन नियमानुसार 580 ग्राम होना चाहिए।अधिकांश खरीदी केंद्रों में बिना डिमांड के सड़े गले और पानी में भिगोकर धान भूषा की सप्लाई की गई है। जिसका वजन भी ज्यादा बताया गया है। इस तरह अनुपयोगी धान भूषा, सूजा, सुतली एवं तालपत्री की भी बिना डिमांड के सप्लाई की गई है। जिसकी जांच किया जाए तो बहुत बड़ा भ्रष्टाचार उजागर होगा । आखिर जब सोसाइटियों से भूषा और ताल पत्री की डिमांड ही नहीं भेजी गई है तो उपार्जन केंद्रों में किसके इशारे पर सप्लाई की गई है जांच का विषय है। निरीक्षण के दरम्यान किसानों से चर्चा करने पर ज्ञात हुआ कि कई किसानों का रकबा जीरो एवं गिरदावली के नाम पर कटौती कर दिया गया है एवम डायवर्टेड लैंड घोषित कर दिये जाने के कारण किसानों को धान बेचने में असुविधा हो रही है ।साथ ही किसानों ने बताया कि राजीव गांधी किसान न्याय योजना के तहत धान के अंतर की दूसरी और तीसरी किस्त की राशि कई किसानों को अभी तक नहीं मिल पाई है। प्राप्त जानकारी अनुसार प्रदेश में ऐसे लगभग 30 हज़ार किसानों को धान के अंतर की राशि नहीं मिल पाई है। जिसका हम तत्काल निराकरण किये जाने की मांग करते हैं । सोसायटीयों के औचक निरीक्षण में प्रमुख रूप से वरिष्ठ नेता चंद्रिका प्रसाद डडसेना, मंडल भाजपा अध्यक्ष रविंद्र वैष्णव, सहकारिता प्रकोष्ठ के प्रदेश कार्यसमिति सदस्य आलोक मिश्रा, महामंत्री महामंत्री द्वय संजय सिन्हा, खिलेश्वर साहू ,शेखर भारद्वाज, मनीष त्रिपाठी, रामप्रवेश शुक्ला, मयाराम साहू ,विजय अग्रवाल, हेतराम साहू, कामता साहू, श्यामसुंदर साहू ,सुकृत दास, दिलीप साहू, भूखन धनकर, अशोक मरकाम, कांतिलाल, पदम साहू,शिशुपाल, राजकुमार निषाद, टीकम साहू आदि उपस्थित थे।

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